घड़ी का आविष्कार सूरज की छाया का उपयोग कर समय बताने वाली घड़ियाँ शायद हमने भारत में लंबे समय से देखी हैं, लगभग सवा दो हज़ार साल पहले प्राचीन यूनान यानी ग्रीस में पानी से चलने वाली अलार्म घड़ियाँ हुआ करती थीं जिममें पानी के गिरते स्तर के साथ तय समय बाद घंटी बज जाती थी । लेकिन आधुनिक घड़ी के आविष्कार का मामला कुछ पेचीदा है, घड़ी की मिनट वाली सुई का आविष्कार, अपने एक खगोलशास्त्री मित्र के लिए वर्ष 1577 में स्विट्ज़रलैंड के जॉस बर्गी ने किया उनसे पहले जर्मनी के न्यूरमबर्ग शहर में पीटर हेनलेन ने ऐसी घड़ी बना ली थी जिसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाया सके । लेकिन जिस तरह हम आज हाथ में घड़ी पहनते हैं वैसी पहली घड़ी पहनने वाले आदमी थे जाने माने फ़्राँसीसी गणितज्ञ और दार्शनिक ब्लेज़ पास्कल । ये वही ब्लेज़ पास्कल हैं जिन्हें कैलकुलेटर का आविष्कारक भी माना जाता है । लगभग 1650 के आसपास लोग घड़ी जेब में रखकर घूमते थे, ब्लेज़ पास्कल ने एक रस्सी से इस घड़ी को हथेली में बाँध लिया ताकि वो काम करते समय घड़ी देख सकें, उनके कई साथियों ने उनका मज़ाक भी उड़...