G-20 में प्रदर्शित कोणार्क चक्र क्या है? कोणार्क चक्र हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण संविदान है जो सूर्य की गति और उसकी उपस्थिति को प्रकट करता है। जब योगी या तपस्वी सद्गुरु के मार्गदर्शन में ध्यान और तपस्या का पालन करते हैं, तो यह चक्र उन्हें उनकी आत्मा की प्राचीन और अद्भुत शक्तियों का अध्ययन और विकास करने की अनुमति देता है। Image Credit: Reuters G 20 Summit, 2023, New Delhi, India कोणार्क के इस सूर्य मंदिर में बने चक्रों को कई नामों से बुलाया जाता है, कहीं इसे सूर्य चक्र कहते हैं तो कहीं इसे धर्म चक्र, कहीं समय चक्र तो कहीं जीवन का पहिया भी कहा जाता है। 13वीं सदी में राजा नरसिंहदेव-प्रथम के शासनकाल में कोणार्क चक्र को बनाया गया था। भारत के राष्ट्रीय ध्वज में भी इसका इस्तेमाल किया गया है। ये पहिया हमें समय भी बताता है, सन् 1948 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है इसकी 24 तीलियां भगवान विष्णु के 24 अवतारों को दर्शाती हैं तो वहीं कुछ मान्यताएं कहती हैं कि ये तीलियां 24 अक्षरों वाले गायत्री मंत्र को प्रदर्शित करती हैं, इतना ही नहीं ये पहिया...