दोस्तों आवश्यकता और जिज्ञासा हमेशा ही अविष्कार की जननी रही है, वास्तव में यह एक जाना-परखा सत्य है।समाज में ऐसे बहुत सारे उधारण मौजूद भी हैं। ऐसी ही एक खोज है Microwave Oven की, आइये पूरा वाक्या जानते हैं।
Microwave ओवन का आविष्कार किसने किया
पर्सी लेबरन स्पेंसर एक अमेरिकी भौतिक विज्ञानी और आविष्कारक थे जिन्हें Microwave ओवन के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है।
कौन थे पर्सी स्पेंसर
पर्सी स्पेंसर का जन्म 1894 में अमेरिका में हुआ। उनके पिता का देहांत हो गया जब वे मात्र डेढ़ साल के थे और जब वे बारह साल के हुए तो उनके संरक्षक चाचा की भी मौत हो गई। इसके चलते उन्हें स्कूल छोड़कर एक मिल में काम करना शुरू करना पड़ा।
चार साल बाद पड़ोस में दूसरे मिल बनाने का काम शुरू हुआ, जिसमें बिजली का भी इस्तमाल किया जाना था, जिज्ञासावश बिजली कैसे काम करेगी ये जानने के लिए उन्होंने बिजली के बारे में किताब पढ़ना शुरू किया। और जब मिल ने कर्मचारी चुनने के लिए एक प्रोजेक्ट दिया तो उसमें तीन लोगों को चुना गया जिसमें से स्पेंसर भी एक थे।उस समय उनकी उम्र थी सोलह साल। और वहां उन्होंने काफी कुछ सीखा। उसी ज्ञान के आधार पर दो साल बाद वे अमेरिकन नेवी में शामिल हुए। बाद में 1912 में जब टाइटैनिक जहाज की वायरलेस कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी सुर्खियों में आई तो उन्होंने उसके बारे में भी गहनता से पढ़ा और पारंगत होकर स्व शिक्षित इंजीनियर बने।
Microwave Oven का आविष्कार कैसे हुआ
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी नेवी ने इन्हें रॉयथॉन कॉर्पोरेशन के साथ मैग्नेट्रोन वैक्यूम ट्यूब के जारिये रडार बनाने का प्रोजेक्ट दिया। एक दिन लैब में उन्होंने देखा के उनके कोट की जेब में पड़ी चॉकलेट पिघल गई है, ये कैसे हुआ इसकी जिज्ञासा उनके मन में उठी, Team के बाकी लोगों से पूछने पर पता चला के उनके साथ भी ऐसा ही हो रहा है। पर किसी ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। स्पेंसर अगले दिन मक्के के कुछ दाने साथ लाए और ट्यूब के बगल में रख दिए, थोड़ी देर में दाने फुटकर लैब में फैल गए। सहकर्मियों को दिखाने के लिए अगले दिन वो अंडा लेकर आये और ट्यूब के पास रख दिया, थोड़ी देर में वह अंडा फूट गया । उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ इसे खाना पकाने और गर्म करने लायक बनाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू किया। और इसे गुप्त रूप से नाम दिया "स्पीडी बिनी" बाद में इसका नाम सुझाया गया माइक्रोवेव ओवन।
स्पेंसर और उनकी टीम ने मिलकर पाया के अगर इसे छोटी जगह पर पैक करके रखा जाए तो ये बेहतर तरीके से काम करता है इसलिए उन्हें अपने इस मॉडल को एक मेटल बॉक्स तैयार करके उसके अंदर रखा, और फिर उसमें खाने को लेकर परीक्षण किया।
1945 में रॉयथॉन कंपनी ने इसका पेटेंट अपने नाम करवा लिया और 1947 में एक कमर्शियल मॉडल बनाया, जिसका नाम रखा राडारेंज। इसे अमेरिका में एक रेस्टोरेंट में इस्तेमल किया गया, इसकी लम्बाई लगभग 6 फीट थी और इसका वजन था लगभग 400 किलो। उस समय इसकी कीमत 5000 अमेरिकी डॉलर थी।
कंपनी ने दूसरी कंपनियों के साथ टाई अप किया धीरे-धीरे स्वरूप में बदलाव हुए और आज छोटे रूप में ये माइक्रोवेव हमारी रसोई में है।
General Happiness Quote: हर किसी के जीवन में सुख-दुःख, धूप- छाओ की तरह आते जाते रहते हैं। हमें हमेशा अपने जीवन में खुश रहना चाहिए और ऐसे कार्यों को ही करना चाहिए जिसको करने में मन लगे, क्योंकि खुशी के साथ किया गया कार्य जीवन में जीने की प्रेरणा देता है और इच्छा की विरुद्ध किया गया कार्य हमेशा इंसान के मन में चिंता का भाव उत्पन्न करता है, जो किसी के लिए भी सही नहीं होता। सफलता खुशी की चाबी नहीं है। खुशी सफलता की चाभी है ।यदि आप जो कर रहे हैं ,उससे प्यार करते हैं ,तो आप सफल होंगे ।
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