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क्या है भारोस, क्या Android को टक्कर दे पायेगा भारत में बना नया मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम ?

वर्तमान में आपने सुना होगा के Google को अपने Android मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम से संबंधित प्रथाओं के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।  भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने   एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम से संबंधित बाजारों में "अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने" के लिए अल्फाबेट के स्वामित्व वाले Google पर 936.44 करोड़ का जुर्माना लगाया है। साथ ही काफी समय से किसी सुरक्षित  स्वदेशी  ऑपरेटिंग सिस्टम नेटवर्क को तैयार करने की डिमांड भी मार्केट में जोर पकड़ रही थी,  इसी कड़ी में हाल ही में भारत सरकार ने  घोसना की  के     BHAROS या Bharat OS नामक एक नया घरेलू,  AOSP- आधारित मोबाइल  ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किया है। भरोस परियोजना का उद्देश्य स्मार्टफोन में विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भरता को कम करना और स्थानीय रूप  से विकसित तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देना है  दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरुआत की। दुनिया का पहला स्मार्टफोन किसने और कब बनाय

क्या गूगल मैप्स से बेहतर सबित हो पाएगा भारतीय जीपीएस नाविक ?

आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में सरकार का एक कदम गूगल मैप्स को कड़ी टक्कर देने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और देसी नेविगेशन समाधान प्रदाता मैपमाइइंडिया ने देश को स्वदेशी उपग्रह आधारित मैपिंग सेवा देने के लिए हाथ मिलाया है। ISRO और "मैपमाइइंडिया" ने भारत के सर्वश्रेष्ठ मैपिंग पोर्टल्स, ऐप्स और भू-स्थानिक सॉफ़्टवेयर की पेशकश के लिए साझेदारी की घोषणा की यह माना जा रहा है कि  सरकार का  यह कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर  सबित होगा , जिसमें भारतीय उपयोगकर्ता नक्शे, नेविगेशन और भू-स्थानिक सेवाओं के लिए विदेशी संगठनों पर निर्भर नहीं होंगे, और इसके बजाय भारत में बने समाधानों का लाभ उठाएंगे जो विदेशी मैपिंग ऐप्स और भू-स्थानिक सॉफ़्टवेयर की तुलना में भारत के लिए विश्वस्तरीय और बेहतर है MapmyIndia के डिजिटल मानचित्र और इसरो की उपग्रह इमेजरी और पृथ्वी अवलोकन डेटा की सूची के साथ प्रौद्योगिकियों का इसरो के साथ संयुक्त साझेदारी के माध्यम से, MapmyIndia के अंतिम उपयोगकर्ता मानचित्र, ऐप्स और सेवाएं अब इसरो की उपग्रह इमेजरी और पृथ्वी अवलोकन डेटा की विशाल सूची के

विभिन्न पेट्रोलियम उत्पाद और उनके उपयोग, आपने शायद ही इन्हें सुना हो

  विभिन्न पेट्रोलियम उत्पाद और उनके उपयोग वास्तव में, पेट्रोलियम या कच्चे तेल को अनौपचारिक रूप से 'काला सोना' और कभी-कभी 'तरल सोना' के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय होती हैं। बहुत सी चीजों के लिए कच्चा तेल जरूरी होता है।  निश्चित रूप से,  आप कच्चे तेल से प्राप्त होने वाले पेट्रोलियम उत्पादों के कुछ उपयोगों को जानते होंगे। यहाँ मैं कुछ सामान्य पेट्रोलियम उत्पादों और उनके उपयोगों के बारे में चर्चा करूँगा। एविएशन टर्बाइन फ्यूल एविएशन टर्बाइन फ्यूल या ATF का इस्तेमाल यात्री, कार्गो और लड़ाकू विमान ईंधन के रूप में करते हैं।  यह पेट्रोल और कुछ अन्य घटकों का मिश्रण है जो इसे विमान के इंजन द्वारा उपयोग के लिए उपयुक्त बनाता है।  इसे उस उच्च गति को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है जिस पर विमान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने की आवश्यकता होती है। पेट्रोल यह पेट्रोलियम उत्पाद का सबसे आम प्रकार है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह कारों, स्कूटरों, मोटरसाइकिलों और अन्य घरेलू और वाणिज्यिक वाहनों के लिए ईंधन है।  संयुक्त राज्य अमेरिका

Digital Currency: भारत सरकार जल्द लांच करने जा रही है ई-रुपी ? जानिए नोट छपाई पे इसका क्या फर्क पड़ेगा

Digital Currency | Team Future Blogger | Economy | Bazaar Analysis | E-Rupi |   ई-रूपी लॉन्च प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2 अगस्त को डिजिटल भुगतान समाधान e-RUPI, डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित साधन लॉन्च किया।  प्रधान मंत्री ने कहा कि e RUPI वाउचर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) को और अधिक प्रभावी बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।  जो  देश में डिजिटल लेन-देन में और डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम देगा।  उन्होंने कहा कि  e RUPI  इस बात का प्रतीक है कि भारत कैसे लोगों के जीवन को तकनीक से जोड़कर प्रगति कर रहा है।  यह ई-वाउचर-आधारित डिजिटल पेमेंट सॉल्यून होगा। इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को और आसान और सुरक्षित बनाना होगा।  यह सर्विस स्पॉन्सर्स और बेनिफिशियरीज को डिजिटली कनेक्ट करेगा e-RUPI को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ मिलकर बनाया है। क्या आप जानते हैं डिजिटल करेंसी यानी आरबीआई का ई-रुपी (e-RUPI) क्या है, ये कैसे काम करेगा और इसके क्या फ़ायदे हैं? चल

डीमैट अकाउंट क्या होता है और इसे कैसे प्राप्त करें ? 

Business articles by Future blogger Team | Expert Panel Shared this article | you may treat it as interim knowledge and go deeper | डीमैट अकाउंट  क्या  होता है  ?  कुछ साल पहले तक अगर आप किसी कंपनी का शेयर ख़रीदते थे तो   वह आप को  आपके दिए एड्रेस    पर   उस के कागज़ भेजती थी जो इस बात का सबूत होते थे कि आपने उस कंपनी के शेयर ख़रीदे हैं और जब आप उस कपंनी के शेयर बेच देते थे तो वह कागज़ आप कंपनी के दफ्तर भेज देते थे फिर कंपनी यह देखती थी कि जब आप ने शेयर बेचे तो शेयर का क्या भाव था फिर आप को वह पैसे देती थी-जिस में बहुत वक़्त लगता  था |  आपके द्वारा हर दिन किए जाने वाले कार्यों को देखते हुए इक्विटी या ऋण जैसे अपने वित्त को प्रबंधित करना परेशानी भरा हो सकता है।   इन कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत   सरकार   ने ए नएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।   इस   अधिनियम ने सभी के लिए कुछ क्लिकों में अपनी वित्तीय प्रतिभूतियों का प्रबंधन करना आसान बना दिया है।  शेयरों या अन्य प्रतिभूतियों की भौतिक प्रतियां प्राप्त करने के बजाय, एक डीमैट खाता आ

अब वैस्विक बाजार में रुपया देगा डॉलर स्वीकृति को चुनौती, 35 से ज्यादा देशो ने दिखायी रुपया से व्यापार में रुचि, भारत सरकार का प्लान-आपदा में अवसर की तलाश

डॉलर की बादशाहत जैसा के वैस्विक व्यापार को लेकर अनिश्चित्ता जारी है कई बडे देशो की करेंसी डॉलर के आगे गिरती जा रही है कुछ ऐसा ही हाल भारतीय रुपये का भी है दरसल बैंक और एक्सपोर्ट हाउस के बीच डॉलर की भारी मांग इसका एक कारण है | एक्सपर्ट्स की माने  तो  चाइना अमेरिका ट्रेड वॉर भी भारती य   रुपये  के खस्ता हाल का जिमदार है  भारतीय मुद्रा सहित दुनियाभर की करेंसी इस समय डॉलर के सामने पानी भर रही है. इसका कारण ये नहीं कि किसी देश की मुद्रा कमजोर हो रही है, बल्कि डॉलर में आ रही मजबूती की वजह से उस मुद्रा पर दबाव है. आलम ये है कि अमेरिका डॉलर को मजबूत बनाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है, जिसका खामियाजा पूरी दुनिया को भुगतना पड़ रहा. दुनिया भर में कुल 185 मुद्राएं हैं जिनमे काई सारी करेंसी काफी मजबूत हैं, वैसे चीन की युआन और यूरो जैसी करेंसी ने डॉलर को कड़ी टक्कर दी है लेकिन वैस्विक स्वीकृति केवल डॉलर को ही मिली है, बाकी  करेंसी   बहुत कोसिस के बवजूद भी अपना सिक्का जमाने में असमर्थ ही हैं  और डॉलर की बादशाहत जारी है  अगर आंकड़ों की बात करें तो दुनिया का 85 फिसदी व्यापार डॉलर में होता है और 40 फिस

दुनिया का पहला स्मार्टफोन किसने और कब बनाया था? | विश्व के पहले स्मार्टफोन का क्या नाम था? | क्या आप जानते हैं

दुनिया का पहला स्मार्टफोन किसने और कब बनाया था? | विश्व के पहले स्मार्टफोन का क्या नाम था? | क्या आप जानते हैं | Future Blogger Team आज हर दूसरे तीसरे दिन किसी न किसी कंपनी का नया मोबाइल फोन लॉन्च हो जाता है  लगभग सभी लोगों के पास एक या दो मोबाइल तो होता ही है। आज दुनिया भर में अनगिनत संख्या में अलग-अलग प्रकार के स्मार्टफोन मौजूद हैं ।   इन स्मार्टफोन मे रोजाना कुछ न कुछ नया होता रहता है, और कंपनिया एक से एक अच्छे फीचर अपने स्मार्टफोन में देने की कोशिस करती रहती है। दोस्तों आज  स्मार्टफोन  हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं और इसके बिना रहने के बारे में सोच पाना भी काफी मुश्किल हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब स्मार्टफोन और मोबाइल फोन से शायद ही कोई परिचित था. लेकिन आज समय बदल चुका हैं. मोबाइल फोन का स्थान अब स्मार्टफोन ने ले लिया हैं और तेजी से  स्मार्टफोन  यूज़र्स की संख्या बढ़ती जा रही हैं.  लेकिन कभी आपने यह सोचा है कि आखिर दुनिया का पहला स्मार्टफोन कौन सा था और कब लांच किया गया था तथा वह स्मार्टफोन कैसा दिखता था तो आज आपको इन सभी सवालों के जवाब यहां मिल जाएंगे तो इस आर्टिकल को विस्तार से